बिहार की सुप्रसिद्ध लोग गायिका श्रीमती विंध्यवासिनी देवी के साथ ये बातचीत बीबीसी के पूर्व रेडियो संपादक डॉ विजय राणा ने १९९९ में, पटना में, उनके घर रिकॉर्ड की थी. उनकी इस बातचीत को बी बी सी रेडियो पर प्रसारित लोकप्रिय श्रंखला ‘संध्या के दीप’ के लिए रिकॉर्ड किया था. लेकिन आस पास शोर के कारण ये बातचीत बीच में रोकनी पड़ी और फिर बीबीसी के बिहार संवाददाता मणिकांत ठाकुर के सुझाव पर हम उन्हें कार में बिठा कर मणिकांत ठाकुर के घर लेकर गए और शेष बातचीत वहां रिकॉर्ड की गयी.
इस बातचीत में वो अपनी लम्बी गायकी के अविस्मर्णीय क्षणों को याद कर रहीं हैं. आकाशवाणी पटना के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने सरदार पटेल के सामने जो गीत गाया था उसे याद कर रहीं हैं.
वो बता रहीं हैं की किस तरह उनकी पति श्री देवेश्वर चन्द्र वर्मा ने उन्हें सार्वजनिक लोक गायन के लिए प्रोत्साहित किया. ये वो ज़माना था जब भले घर की महिलाओं के लिए सार्वजनिक गायन को अच्छा नहीं मन जाता था. उन्होंने थोड़ा शर्माते हुए वो गीत भी सुनाया जो उन्होंने अपनी सुहागरात में अपने पति को सुनाया था.
१९२० में जन्मी विंध्यवासिनी देवी का जीवन मिथला और भोजपुरी लोकगीत परंपरा के लिए समर्पित रहा. इस परम्परा के लिए उनका प्रेम और समर्पण इस बातचीत में साफ़ दिखाई पड़ता है.
प्रस्तुत है विजय राणा के साथ विंध्यवासिनी देवी के साथ भेंट वार्ता
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